विचित्र आवाज़ें विचित्र आवाज़ें
आजीवन करते हम संचय रहें, तो सुखमय जीवन रहे आए गम न पास। आजीवन करते हम संचय रहें, तो सुखमय जीवन रहे आए गम न पास।
कानून नामक सख्श भी, विचित्र है, भीड़ का अपना हीं,एक चरित्र है। कानून नामक सख्श भी, विचित्र है, भीड़ का अपना हीं,एक चरित्र है।
जिंदगी की बात ही जनाब अलग है कभी ग़म है , कभी भ्रम तो कभी सुुुुलग है। जिंदगी की बात ही जनाब अलग है कभी ग़म है , कभी भ्रम तो कभी सुुुुलग है।
ग़मों के बदल का कारवाँ चला सिर्फ तन्हाई और दर्द मिला ग़मों के बदल का कारवाँ चला सिर्फ तन्हाई और दर्द मिला
जब आस्पताल में एक नन्ही बच्ची को जन्म दिया , तब मेरे मन में तितली की तरह एक स्पंदन प जब आस्पताल में एक नन्ही बच्ची को जन्म दिया , तब मेरे मन में तितली की तरह ...